देश कभी माफ नहीं करेगा ऐसे जयचंदों को...

अरे कोई तो समझाए इन मतिमंदों को,
दे रहे समर्थन आतंकी खूनी दरिंदों को।
सब्र का इम्तिहान लेते तोड़ रहे अनुबंधों को
देश कभी माफ नहीं करेगा ऐसे जयचंदों को।

भला कौन रोक पाया है आसमानी परिंदों को,
जकड़ लो गर्दन खींच दो अब इन फंदों को।
लगा दो आग, फूंक दो इन दिखावी संबंधों को,
देश कभी माफ नहीं करेगा ऐसे जयचंदों को।

सब जानते हैं, तुम्हारे गोरखधंधों को,
स्वार्थ की रोटी सेकते, झूठ के पुलिंदों को।
अब रोक ना पाओगे जज्बाती बुलंदों को,
लहर रहा है तिरंगा, बजने दो मां भारती के छंदों को,
देश कभी माफ नहीं करेगा ऐसे जयचंदों को।

विनोद यादव

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