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Showing posts from September, 2017

अंदर के रावण का क्या?

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बाहर के रावण को जलाने से, कुछ ना होगा। दहन तुम्हें अंदर के रावण का, करना होगा। एक दिन दशहरा मना लेने से, कुछ ना होगा। यहां तुम्हें हर दिन दशहरा मनाना होगा।। राम बेचारा करे भी तो, क्या करे वो तो आसा और डेरे वालों से शर्मिंदा। जरा नज़रें घुमा के देखो तो  साहब, हर दिन सीता का हरण होता है हर गली में रावण जिंदा है।। राम बेचारा क्या करे, वो तो शर्मिंदा है। कैसे कह दूं कि सीता सुरक्षित है, और फूल अमन के यहां खिल जायेंगे। जो निकलोगे ढूंढने तो, राम के भेष में कई रावण मिल जायेंगे।। नहीं चाहता विद्रोही मर्यादा पुरुषोत्तम का अपमान करना। लेकिन सच कहता हूं, मुश्किल हो गया है आज राम और रावण कि पहचान करना।। विनोद विद्रोही नागपुर दिल से बुराई पर अच्छाई की जीत का संकल्प करें। विजयदशमी की आपको और आपके परिवार को ढेरों शुभकामनाएं।💐💐 जय श्रीराम

मुंबई के एल्फिंस्टन स्टेशन पर मारे गये लोगों को श्रधांजलि।

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माना यूं तो जिंदगी गुजरती ही है भाग-दौड़ में। पर दुख होता है जब ये ख़त्म हो जाती है भगदड़ में।। विनोद विद्रोही मुम्बई के एल्फिंस्टन स्टेशन पर भगदड़ में मारे गये लोगों को अश्रुपूर्ण श्रधांजलि।

विनोद विद्रोही की पाकिस्तान को चेतावनी...

मां भारती के लाल को शत शत नमन...

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फिरंगियों कि जड़े हिला दी, फर्ज को अपने तत्पर समझा। गुलामी कि बेड़ियों के बदले, सूली पर चढ़ जाना बेहतर समझा।। कुर्बान हुआ वो वतन पर, वो वतन के लिए ही बना था। धन्य है वो मां, धन्य है वो कोख जिसने उस जैसा सपूत जना था।। वंदे मातरम के जयकारे से, सराबोर ये सारा जगत हो जाये। हे मां भारती आशीष दो, देश की युवा पीढ़ी भगत हो जाये।। विनोद विद्रोही मां भारती के अमर सपूत शहीद भगत की जयंती पर उन्हें शत शत नमन। वंदे मातरम..जय हिन्द।

सुना है पाकिस्तान आतंकवाद से पीड़ित है...

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चोरी का ढिंढोरा सबसे पहले चोर ही पीटता है। सुना है पाकिस्तान ने कहा है की वह आतंकवाद से पीड़ित है।। विनोद विद्रोही नागपुर (7276969415) #व्यंग्य #आतंकवाद #पाकिस्तान #यूएन

इस ताज्जुब पर मुझे ताज्जुब है...

आज सुबह घर से बाहर जाने के लिये तैयार हो रहा था की टेबल पर रखा फोन गुर्राने लगा। देखा तो दिल्ली के एक दोस्त का फोन था। दरसल इस दोस्त से एक बार ही मिला हूं वो भी 10 साल पहले अलीगढ़ यूनिवर्सिटी की एक कार्यक्रम में मुलाकत हुई थी। आज अचानक उसका फोन देख उतनी हैरानी नहीं हुई जितनी हैरानी उससे बात करने के बाद हुई। शुरुआत में हाल-चाल और इधर उधर की बात के बाद उसने कहा... "यार आजकल तुम्हारे पोस्ट फ़ेसबुक पर पढ़ते रहता हूं। तुम्हारी हिंदी काफ़ी अच्छी है। लेकिन इस बात पर बड़ा ताज्जुब है की तुम तो नागपुर रहते हो जो महाराष्ट्र में आता है, फ़िर इतनी अच्छी हिंदी कैसे सीख गये।" दोस्त कि यह बात सुनकर मुझे उससे ज्यादा ताज्जुब हुआ। वहीं मेरा मन 9 साल पहले आईआईटी कानपुर के उस प्रोग्राम में चला गया जहां एक वाद-विवाद स्पर्धा के कार्यक्रम में संचालक ने भी मुझे मजाक में ही सही लेकिन कहा था "काफ़ी हैरानी और खुशी की बात है कि नागपुर महाराष्ट्र से भी कोई हिंदी स्पर्धाओं का प्रतिनिधित्व कर रहा है" दोस्तों ताज्जुब मुझे इस बात पर है की अच्छी हिंदी बोलने पर कोई हैर

क्या कोई सपने खरीदेगा...

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बस घर के जयचंदों से हारे हैं...

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मुंगेरीलाल वाले ये ख्वाब तुम्हारे, जैसे दरिया के दो किनारे हैं। कश्मीर क्या हम पाकिस्तान भी तुमसे ले लेते। बस घर के जयचंदों से हारे हैं।। विनोद विद्रोही नागपुर(7276969415)

आतंकियों के लिये लाभप्रद योजना...

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72 हूरों के ख्वाब देखने वाले आतंकियों के लिये भारतीय सेना प्रमुख विपिन रावत ने एक शानदार और बेहतरीन योजना ऐलान किया है। पाकिस्तान की गरीबी, साथ ही वहां ज़मीन के भयंकर अभाव और आतंक के प्रति उनकी कर्तव्यपरायणता को देखते हुये भारतीय सेना प्रमुख ने ये उदारतापूर्ण क़दम उठाया है। जिसके तहत पाकिस्तान से सरहद के रास्ते हिंदुस्तान में घुसने वाले सभी लोगों को 2.5 फिट ज़मीन इमान स्वरूप दी जायेगी। अतः कश्मीर की आज़ादी का दम भरने और जेहाद का परचम लहराने वाले सभी निष्ठावान आतंकियों से गुजारिश है की वो इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठायें और अपने अन्य साथियों को भी इससे अवगत करायें। अपने साथ एक और आतंकी को लाने वाले को अतिरिक्त 2.5 फिट ज़मीन दी जायेगी...जिसका उपयोग वो अपने अन्य साथियों अथवा रिश्तेदारों के लिये कर सकता है। नोट: इस योजना की कोई समय सीमा नहीं है...आतंकी इसका लाभ हमेशा उठा सकेंगे। *कभी भी आयें, हमेशा पायें* विनोद विद्रोही नागपुर(7276969415)

दिल में हूं और हमेशा रहूंगा,,,

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दोस्त जब भी मुझसे पूछते हैं कि कहां है। मैं भी मुस्कुरा के कह देता हूं, दिल में और हमेशा रहूंगा।। विनोद विद्रोही

...और मैं निरुत्तर हो गया।

कल रात को घर लौटते वक्त बरसात हो रही थी। चूंकि रात काफ़ी हो चुकी थी तो मैंने कहीं रुकना ठीक नहीं समझा। गाड़ी के मीटर की सुइयों ने 20 पार किया ही था की मेरी नज़र एक बुजुर्ग व्यक्ति पर पड़ी जो फुटपाथ पर एक कोने में दुबक कर, एक बरसाती ओढ़े सोने की कोशिश कर रहा था। उस बुजुर्ग को देख मैंने गाड़ी के ब्रेक लगा दिये। मैं उस बुढ़े व्यक्ति के पास गया और कहा बाबा क्या हुआ घर नहीं गये। बाबा ने जो जवाब दिया उसे सुनकर मैं अंदर तक हिल गया। बाबा ने लड़खड़ाती ज़बान से कहा... "ये देश ही मेरा घर है...पराये मुल्क से जबरदस्ती घुस आये लोगों के समर्थन में जिस तरह देश आज सड़कों पर है। उनको   यहां बसाने के लिये आंदोलन हो रहे हैं। अगर उसका 1प्रतिशत भी कोई हमारे लिये लड़ता तो आज हमारे सर पर भी छत होती" उस बुजुर्ग की बातों ने मुझे निरुत्तर कर दिया। मैंने बाबा का हाथ पकड़ा और उन्हें पास ही एक टीन के शेड के नीचे बिठा दिया और गाड़ी चालू कर घर की ओर चल दिया। रास्ते भर बाबा के कहे एक-एक शब्द कानों में गूंजते रहे और बहुत कुछ सोचते-सोचते कब घर आ गया पता ही नहीं चला। विनोद विद्रोही नागपुर(7276969415) #रोहिंग्

तुम जैसों से ही दिल घायल है वतन का...

तुम ही तो कहते हो देश में, असुरक्षा का महौल है। फ़िर रोहिंग्यायों के समर्थन में कैसे ये बोल हैं। कुछ और नहीं, ये उदाहरण  तुम्हारे चरित्र के दोगलेपन का। तुम जैसे से ही दिल घायल है  मेरे वतन का।। विनोद विद्रोही  नागपुर(7276969415)

मैं कवि वीररस का...

कवि वीर रस का: *************** मैं ठहरा कवि वीररस का, ये श्रॄंगार, प्रेम लिखना कहां मेरे बस का। मैं तो देश के माथे पे जख़्मों की कहानी लिखता हूं। मां भारती की पीड़ा और आंखों का पानी लिखता हूं। सरहद का सैनिक तो नहीं, लेकिन कलम का सिपाही हूं। वतन के नाम मैं अपनी सारी, सारी ज़िन्दगानी लिखता हूं।। मां भारती की पीड़ा और आंखों का पानी लिखता हूं। मुझसे तुम बात करो मुल्क के जयकारे और वंदे मातरम के जस का। मैं ठहरा कवि वीररस का, ये श्रॄंगार, प्रेम लिखना कहां मेरे बस का।। विनोद विद्रोही नागपुर(7276969415)

हिंदी का ये हाल कैसा है...

हाल-ए-हिंदी: *********** होना चहिये था जिसे देश के माथे की बिंदी। पर अफसोस कहीं कोने में पड़ी सिसक रही है हिंदी।। कुछ कलम के सिपाही ज़रूर हैं जो हिंदी की लाज बचा रहे हैं। वरना आलम तो ये है की लोग हिंदी बोलने तक से शरमा रहे हैं।। अब भी वक्त है जागो हिंदी पर जमी ये अंग्रेजी बर्फ फोड़नी चहिये। राष्ट्रभाषा के दर्जे से भी ज़रूरी है, रगों में हिंदी दौड़नी चहिये।। विनोद विद्रोही नागपुर(7276969415)

प्यार तु्म्हारा नोटबंदी निकाला...

विद्रोही अंदाज़ से थोड़ा हट के(just for fun) प्यार तुम्हारा नोटबंदी निकला। कितनी तकलीफें झेलीं फ़िर भी सफल ना हुये।। विनोद विद्रोही

अच्छे दिन: सवाल बड़े जवाब छोटा

अच्छे दिन पर बड़े सवाल उठाने वालों को छोटा सा जवाब: ************************** कुंठा से ग्रस्त आखिर कब तक सरकारों के दिन गिनना होगा। गर सचमुच है चाहत अच्छे दिन की, तो खुद भी तुम्हें अच्छा बनना होगा।। ठंडे पड़े लोहे को आग में, तपना तो सिखाया। शुक्र है किसी ने अच्छे दिन का, सपना तो दिखाया।। अच्छे दिन कहीं आसमान से तो नहीं आयेंगे। ये तो तब ही मुमकिन है जब सब मिलकर हाथ बटायेंगे।। विनोद विद्रोही

राज-ए-दिल विद्रोही तुम्हें, बता रहा है।

राज-ए-दिल विद्रोही तुम्हें, बता रहा है। सिखाया तो बहुत लोगों ने, पर खुद से जो सीखा वही काम आ रहा है।। विनोद विद्रोही

अपना गुस्सा निकालने के दो आसान तरीके:

अपना गुस्सा निकालने के दो आसान तरीके: पहला: सरकार को खूब गरियाओ। दूसरा: फ़िर भी मन ना भरे तो बाकी ठीकरा मीडिया पर फोड़ दो। आजमा कर देखिये साहब आज कल ये नुस्खा काफ़ी चलन में है, तुरंत आराम पहुंचता है। विनोद विद्रोही

तुम तलवार लाओ, मैं कलम लाता हूं...

तुम तलवार लाओ, मैं कलम लाता हूं, देखेंगे किसपर किसका ऐतबार ज्यादा है। तुम भी चलाओ मैं भी चलाता हूं, पता चलेगा किसके इसमें धार ज्यादा है।। विनोद विद्रोही

हर हिंदुस्तानी की आवाज़...

हर हिंदुस्तानी की आवाज़: ********************* मतभेद गर वैचारिक हैं, तो ये मुख सदा स्वीकार बोलेंगे। जो उंगली उठी देश पर, तो लब मेरे शोले और अंगार बोलेंगे। हर क़दम बढ़ता है हमारा देश की, आन-बान और शान के लिये। इतना समझ लो, शीश काट और कटा भी सकते हैं हिंदुस्तान के लिये।। विनोद विद्रोही

ये जूता है साहब...

सिर्फ़ चलने के ही काम नहीं आता है। ये जूता है साहब, इंसान का वक्त भी बताता है।। विनोद विद्रोही

दिल की पीर ना सुन पाये तुम...

तुमने शहर बदला ठीक था लेकिन जज्बात बदल लेना ठीक नहीं। दुनिया का शोर तो तुमने सुन लिया, मेरे दिल की पीर ना सुन पाना ठीक नहीं।। विनोद विद्रोही