मां भारती के लाल को शत शत नमन...

फिरंगियों कि जड़े हिला दी,
फर्ज को अपने तत्पर समझा।
गुलामी कि बेड़ियों के बदले,
सूली पर चढ़ जाना बेहतर समझा।।

कुर्बान हुआ वो वतन पर,
वो वतन के लिए ही बना था।
धन्य है वो मां, धन्य है वो कोख
जिसने उस जैसा सपूत जना था।।

वंदे मातरम के जयकारे से,
सराबोर ये सारा जगत हो जाये।
हे मां भारती आशीष दो,
देश की युवा पीढ़ी भगत हो जाये।।

विनोद विद्रोही

मां भारती के अमर सपूत शहीद भगत की जयंती पर उन्हें शत शत नमन। वंदे मातरम..जय हिन्द।

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