दिल की पीर ना सुन पाये तुम...

तुमने शहर बदला ठीक था
लेकिन जज्बात बदल लेना
ठीक नहीं।
दुनिया का शोर तो तुमने सुन लिया,
मेरे दिल की पीर ना सुन पाना
ठीक नहीं।।
विनोद विद्रोही

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