हर हिंदुस्तानी की आवाज़...
हर हिंदुस्तानी की आवाज़:
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मतभेद गर वैचारिक हैं,
तो ये मुख सदा स्वीकार बोलेंगे।
जो उंगली उठी देश पर,
तो लब मेरे शोले और अंगार बोलेंगे।
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मतभेद गर वैचारिक हैं,
तो ये मुख सदा स्वीकार बोलेंगे।
जो उंगली उठी देश पर,
तो लब मेरे शोले और अंगार बोलेंगे।
हर क़दम बढ़ता है हमारा देश की,
आन-बान और शान के लिये।
इतना समझ लो, शीश काट
और कटा भी सकते हैं हिंदुस्तान
के लिये।।
विनोद विद्रोही
आन-बान और शान के लिये।
इतना समझ लो, शीश काट
और कटा भी सकते हैं हिंदुस्तान
के लिये।।
विनोद विद्रोही
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