जिंदगी इसी का नाम है, कर लो जो काम है...

दोस्तों कल चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे दिन का खेल देखकर जीवन का भी खेल समझ में आया। जीवन भी कुछ ऐसा ही है, कब इसका पासा पलट जाए कहा नहीं जा सकता है।  साथ ही करुण नायर की बैटिंग देखकर अभिनेता रणबीर सिंह की एड में रॉयल स्टैग की टैग लाइन याद भी आई, "इट्स योर लाइफ मेक इट लार्ज"। दोस्तों करुण नायर की चौथे दिन के खेल की बैटिंग से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। सोचिए कल जब सुबह के सत्र में करुण बैटिंग करने उतरे थे तब वो क्या थे और शाम होते-होते क्या बन गए। कल सुबह तक जिस करुण को भारत में भी कुछ क्रिकेट प्रेमी ही शायद जानते थे, शाम होते-होते पूरा विश्व करुण नायर से रुबरू हो चुका था। इसे ही कहते हैं जिंदगी, जब ये मेहरबान होती है तो स्टार बनते देर नहीं लगती है। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में इंसान की लगन, मेहनत और सबसे अहम भाग्य की भी बड़ी भूमिका होती है। क्योंकि भाग्य भी उनका ही साथ देता है जिनमें कुछ करने का जज्बा होता है, कुछ कर गुजरने की चाह होती है।

दोस्तों यहां करुण नायर की बात करके ये समझाना चाहता हूं, व्यक्ति का जीवन भी कुछ ऐसा ही है, कब इसमें तब्दीली आ जाए कहा नहीं जा सकता है। बस जरूरत है तो इसके लिए सकारात्मक सोच के साथ लगन और कड़ी मेहनत की। रणबीर सिंह की रॉयल स्टैग की एड में एक सही बात कही गई है कि हर दिन जियो, लार्ज जियो। आप यदि अपने हर दिन को अपना सबसे अच्छा दिन मानकर चलेंगे और अपना बेस्ट देने का पूरा प्रयास करेंगे तो सफलता अपने आप आपके पीछे दौड़ेगी। फिर देखना कैसे हर दिन हर क्षेत्र में ऐसे कई करुण नायर पैदा होंगे, जो अपने साथ-साथ इस देश का नाम रोशन करेंगे।

बस एक समस्या है दोस्तों जो मैं अक्सर महसूस करता हूं वो आपसे साझा कर रहा हूं। पता है आजकल हमारी समस्या यही है, हम हर चीज आसानी से पाना चाहते हैं, संघर्ष और समर्पण का जज्बा आजकल के ज्यादातर युवाओं में ना जाने क्यों देखने को नहीं मिलता। ऐसा लगता है टेक्नोलॉजी वाले इस युग ने उन्हें काफी आलसी बना दिया है। हर चीज टेक्नोलॉजी के भरोसे इस कदर छोड़ दी गई है, की उस तकनीकी की बनाने वाली बुद्धि पर ही जंग लगता जा रहा है। मेरी नजर में ये टेक्नोलॉ़जी जितना वरदान है उतना ही अभिशाप भी है। क्योंकि इसने बहुत कुछ दिया है तो देश के युवाओं से बहुत कुछ छीना भी है, खैर बहुत ज्यादा टेक्नोलॉजी को ना कोसते हुए इतना ही कहना चाहूंगा की  प्रत्यनशील बनो, संघर्षशील बनो, समस्याओं से घबराओ नहीं उनका डटकर सामना करो, कभी हार मत मानों क्योंकि यदि एक रास्ता बंद भी जाए तो उससे बेहतर कई रास्ते निकल भी आते हैं। बशर्ते जरूरत है तो उन रास्तों को पहचानने की, अपने ज्ञान चक्सुओं को खुला रखने की। तब देखना, कैसे आप आगे-आगे और सफलता आपके पीछे-पीछे दौड़ती है।

उठ, ज़िंदगी के हसीन लम्हों को तमाम कर दे,
कदम बढ़ा ऐसे की हर सफलता आम कर दे।


विनोद यादव(विद्रोही)

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