लिखना क्या था क्या लिख दिया...

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
लोग ये देखकर  हैरान थे,
कि मैंने क्या लिख दिया।
सवाल था अपनी कुल सम्पति लिखो,
मैंने मां लिख दिया।।
लिखना कहां था, कहां लिख दिया,
मां के कदमों में जन्नत और जहां लिख दिया।
लोग ये देखकर हैरान थे,
कि मैंने क्या लिख दिया।
विनोद विद्रोही
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
पसंद आए तो शेयर करें
संपर्क सूत्र - 07276969415
नागपुर,
Blog: vinodngp.blogspot.in
Twitter@vinodvidrohi

Comments

Popular posts from this blog

इस ताज्जुब पर मुझे ताज्जुब है...

जिंदगी इसी का नाम है, कर लो जो काम है...

ढंग की मौत का तो इंतजाम कर दो...