बरसी मनाने का अधिकार नहीं!

26/11 बरसी:
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आतंकी हमले की बरसी पर फिर कैंडल लेकर निकलेंगे।
जवानों की शहादत पर आज फिर दिल हमारे पिघलेंगे।
आज फिर उनके कसीदे पढ़ेंगे, यादों में उनकी झूल जायेंगे,
और कल, कौन शहीद काहे की शहादत सब भूल जायेंगे।।

जब तक देश इस परिपाठी पर चलता रहेगा,
दर्द आतंक का मिला है और मिलता रहेगा।
बाकी देश तो सम्भल चुके तुम भी अब सम्भलना सीखो।
दुश्मन की छाती पे चढ़कर तुम भी मूंग दलना सीखो।।

कथित मित्र अमरीका को कब तक मदद के लिये पुकारोगे।
आखिर तुम कब घर में घुसकर हाफिज को मारोगे।।
हम रोयें और आतंकी आजाद घूमें ये स्वीकार नहीं।
जब तक देश के गुनहगार जिंदा हैं, हमें बरसी मनाने का अधिकार नहीं।।
विनोद विद्रोही
नागपुर

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