देश के दामन पर ये दाग, बद से बदतर है...

कश्मीरी इन हालातों से ऐसे मुख ना मोड़ो तुम।
दुश्मन की छाती पे चढ़कर हुंकार भरो, वरना कुर्सी छोड़ तुम।
अरे देश के दामन पर ये दाग, बद से बदतर है।
कोई विशेषाधिकार नहीं एक ज़ख्म सा लगता है, ये जो धारा 370 है।।
विनोद विद्रोही

Comments

Popular posts from this blog

इस ताज्जुब पर मुझे ताज्जुब है...

जिंदगी इसी का नाम है, कर लो जो काम है...

ढंग की मौत का तो इंतजाम कर दो...