पहले कहते थे आशिक, अब कहते पगला है...
वो क्या जाने, ये दिल कैसे-कैसे सम्भला है।
जैसे देखी हो कयामत, हर दिन ऐसे-ऐसे निकला है।
उसके रहने ना रहने से बस इतना सा बदला है।
पहले लोग कहते थे आशिक, अब कहते पगला है।।
विनोद विद्रोही
जैसे देखी हो कयामत, हर दिन ऐसे-ऐसे निकला है।
उसके रहने ना रहने से बस इतना सा बदला है।
पहले लोग कहते थे आशिक, अब कहते पगला है।।
विनोद विद्रोही
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