एक दर्द सीने में दबाये बैठा हूं...
एक दर्द सीने में दबाये बैठा हूं,
किसी से कुछ ना कहने की
कसमें खाये बैठा हूं।
घरौंदे बनाकर तोड़ देना खेल
होगा तुम्हारे लिये।
मैं तो आज भी उस टूटे मकां को
आशियां बनाये बैठा हूँ।।
विनोद विद्रोही
किसी से कुछ ना कहने की
कसमें खाये बैठा हूं।
घरौंदे बनाकर तोड़ देना खेल
होगा तुम्हारे लिये।
मैं तो आज भी उस टूटे मकां को
आशियां बनाये बैठा हूँ।।
विनोद विद्रोही
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