अंदर के रावण का क्या?
बाहर के रावण को जलाने से, कुछ ना होगा। दहन तुम्हें अंदर के रावण का, करना होगा। एक दिन दशहरा मना लेने से, कुछ ना होगा। यहां तुम्हें हर दिन दशहरा मनाना होगा।। राम बेचारा करे भी तो, क्या करे वो तो आसा और डेरे वालों से शर्मिंदा। जरा नज़रें घुमा के देखो तो साहब, हर दिन सीता का हरण होता है हर गली में रावण जिंदा है।। राम बेचारा क्या करे, वो तो शर्मिंदा है। कैसे कह दूं कि सीता सुरक्षित है, और फूल अमन के यहां खिल जायेंगे। जो निकलोगे ढूंढने तो, राम के भेष में कई रावण मिल जायेंगे।। नहीं चाहता विद्रोही मर्यादा पुरुषोत्तम का अपमान करना। लेकिन सच कहता हूं, मुश्किल हो गया है आज राम और रावण कि पहचान करना।। विनोद विद्रोही नागपुर दिल से बुराई पर अच्छाई की जीत का संकल्प करें। विजयदशमी की आपको और आपके परिवार को ढेरों शुभकामनाएं।💐💐 जय श्रीराम