ये देख उठती है पीड़ा मेरे हृदय के तारों से....

ये देख उठती है पीड़ा मेरे हृदय के तारों से,
सारी घाटी पटी पड़ी है देशद्रोहियों और गद्दारों से।।
दहशतगर्दों के ये आका तो नहीं बख्शे जाएंगे,
लेकिन पहले आतंकियों के हमदर्द सूली पर टांगे जाएंगे।।
विनोद विद्रोही

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