उसी से नफ़रत भी है, उसी से प्यार भी...

वो बेकसूर भी है वो गुनहगार भी है,
वही दुश्मन भी है, वही यार भी है।
बड़ा अजीब मसला है ये विद्रोही,
उसी से नफ़रत भी है उसी सी प्यार भी है।।
विनोद विद्रोही

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