जब यही रीत है ज़माने की...
जब यही रीत है ज़माने की।
फ़िर क्यों उम्मीद करता है विद्रोही
उसके लौट आने की।।
जो अपने हैं जो छोड़ के जाया
नहीं करते।
और मतलबी लोग कभी लौट
के आया नहीं करते।।
विनोद विद्रोही
फ़िर क्यों उम्मीद करता है विद्रोही
उसके लौट आने की।।
जो अपने हैं जो छोड़ के जाया
नहीं करते।
और मतलबी लोग कभी लौट
के आया नहीं करते।।
विनोद विद्रोही
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