नापाक हाथ जवानों के गिरेबां तक पहुंच गये...

पत्थरबाजों के मंसूबे कहां से कहां तक जा  पहुंचे।
इनके नापाक हाथ हमारे जवानों के गिरेबां तक जा पहुंचे।।
सवाल था केवल लोकतंत्र की रक्षा का,
वर्ना ख़बर ये भी मिलती, कश्मीरी सपोले सीधे शमशां जा पहुंचे ।।

बहुत हो चुका मोदी जी ये व्रत मौन के अब तोड़ो तुम।
अलगाववादियों से अपनत्व के कोई भाव अब मत जोड़ो तुम।।
भारत मां का दिल घायल है, अब तो नींद से जागो तुम।
बहुत हो चुकी बातचीत, अब दुश्मन के सीने पर सीधे गोली दागो तुम।।
विनोद विद्रोही
जय हिंद

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