इस धरा के कण-कण में श्रीराम बसे हैं...

हम सब के अंतकरण में श्रीराम बसे हैं,
समय के घूमते इस चक्र के छण-छण में श्रीराम बसे हैं।।
राम के आस्तित्व पर सवाल उठाने वालों,
नज़रों को जरा पवित्र करो, इस धरा के कण-कण में श्री राम बसे हैं।।
विनोद विद्रोही

राम नवमी की आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकमनाएं।। जय श्रीराम।

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