नियम-कानून सब तुम्हारे अधीन है...

सांसद थप्पड़कांड: एयर इंडिया के 60 साल के उस बुजुर्ग के दर्द को शब्द देने की कोशिश।

तुम कोई आम जन तो थे नहीं, जो हवा जेल की खाते।
तुम तो ठहरे खास जन भला तुम्हारे लिये,
हवालात कहां से लाते।।
तमाचा मारो, मारो जूता-चप्पल या करो
जुर्म जो संगीन है।
सत्ता पर तुम काबिज हो, नियम-कानून
सब तुम्हारे अधीन है।।
समझ सको तो समझ लो ये बात बड़ी
महीन है।
बड़ा बेरंग अंत होगा इसका, जो दुनिया
तुम्हें आज लग रही रंगीन है।।

विनोद विद्रोही

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