बस यूं ही: व्यक्ति स्वाभाव
बस यूं ही:
हम मल्टीप्लेक्स में कोई फिल्म देखने जाते हैं तो केवल 3 घंटे के भीतर 1000-500 रुपये खुशी-खुशी उड़ा देते हैं।
लेकिन जब महीने के आखिरी में केबल वाला महीने भर केबल देखने के 250-300 रुपये मांगने आता है तो कुछ लोग ऐसे नाक-मुंह सिकोड़ते हैं, जैसे उसने जायदाद मांग लिया हो।
"तेरा तो केबल ही ढंग से नहीं आता, रोज लाइट जाती है। स्टार स्पोर्ट्स क्यों नहीं आता, फ्लां चैनल क्यों नहीं आता और जाने क्या-क्या कथायें केबल वाले को सुनाते हैं।"😊😊
मौलिक
विनोद विद्रोही
नागपुर
हम मल्टीप्लेक्स में कोई फिल्म देखने जाते हैं तो केवल 3 घंटे के भीतर 1000-500 रुपये खुशी-खुशी उड़ा देते हैं।
लेकिन जब महीने के आखिरी में केबल वाला महीने भर केबल देखने के 250-300 रुपये मांगने आता है तो कुछ लोग ऐसे नाक-मुंह सिकोड़ते हैं, जैसे उसने जायदाद मांग लिया हो।
"तेरा तो केबल ही ढंग से नहीं आता, रोज लाइट जाती है। स्टार स्पोर्ट्स क्यों नहीं आता, फ्लां चैनल क्यों नहीं आता और जाने क्या-क्या कथायें केबल वाले को सुनाते हैं।"😊😊
मौलिक
विनोद विद्रोही
नागपुर
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