दकियानूसी सोच पर तुम्हारी सारा देश शर्मिंदा है...

कश्मीर की आज़ादी नहीं, बर्बादी हो तुम,
मेरी नज़रों में अलगाववादी नहीं, उग्रवादी हो तुम।
घाटी में आतंक के पोषक बने हुए हो,
राष्ट्रप्रेम की विचारधारा के शोषक बने हुए हो।।
मासूमों को धमकाने वालों कैसे ज़मीर तुम्हारा जिंदा है,
दकियानूसी सोच पर तुम्हारी सारा देश शर्मिंदा है।।

विनोद विद्रोही

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