हिम्मत है तो सामने आओ, अब आर या पार हो जाए...

सारी घाटी दहक रही है बारूदी अंगारों से,
दिल हमारा जलता हो इन देश विरोधी नारों से।
एक सबूत दे चुके हैं, अपनी असल परिपाठी का,
फिर सबक क्यों नहीं लेता जो दुश्मन है घाटी का।
ऐसे में इन कायरों की खोखली चुनौतियां क्यों न स्वीकार हो जाए,
हिम्मत है तो सामने आओ, अब आर या पार हो जाए।।
विनोद विद्रोही

Comments

Popular posts from this blog

इस ताज्जुब पर मुझे ताज्जुब है...

जिंदगी इसी का नाम है, कर लो जो काम है...

ढंग की मौत का तो इंतजाम कर दो...