दरबारों को आईना दिखाना कलम का अधिकार है...

दरबारों को आईना दिखाना कलम का अधिकार है,
ना लिख पाये सच तो नहीं हमसे बड़ा कोई गद्दार है।
मेरी कलम अधिकारों के लिए अक्सर लड़ जाती है,

जरूरत पड़ने पर शब्द नहीं शोले बरसाती है।।
विनोद विद्रोही

Comments

Popular posts from this blog

इस ताज्जुब पर मुझे ताज्जुब है...

जिंदगी इसी का नाम है, कर लो जो काम है...

ढंग की मौत का तो इंतजाम कर दो...