देश की अखंडता का पाठ कैसे तुम भूल गए...
बहुत आसां है देश के खिलाफ नारे लगाना,
तुम क्या जानों होता क्या है वतन के लिए मर जाना।
देश की अखंडता का पाठ कैसे तुम भूल गए।
जबकि तुम्हारी खातिक भारत मां के लाल,
भरी जवानी फांसी के फंदे पर झूल गए।।
विनोद विद्रोही
तुम क्या जानों होता क्या है वतन के लिए मर जाना।
देश की अखंडता का पाठ कैसे तुम भूल गए।
जबकि तुम्हारी खातिक भारत मां के लाल,
भरी जवानी फांसी के फंदे पर झूल गए।।
विनोद विद्रोही
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